पतंजलि योग सूत्र और अष्टांग योग का आलिंगन

 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस! एक ऐसा दिन जो हमें योग के जादू से रूबरू कराता है, हमारी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सेहत को बेहतर बनाता है। इस बार का योग दिवस कुछ खास है क्योंकि हम इसमें पतंजलि योग सूत्र और अष्टांग योग की प्राचीन शिक्षाओं को भी शामिल कर रहे हैं। तो चलिए, जानते हैं इनके बारे में और कैसे यह हमारे जीवन को बदल सकते हैं।

क्या है योग?

योग, प्राचीन भारतीय ज्ञान का एक अनमोल उपहार है, जिसे शरीर, मन और आत्मा के समग्र संतुलन के लिए जाना जाता है। योग शब्द संस्कृत के “युज” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “जुड़ना” या “मिलन करना”। यह मिलन न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संदर्भित करता है, बल्कि आत्मा के परमात्मा से मिलन की दिशा में भी इंगित करता है।

योग के उद्देश्य

योग का मुख्य उद्देश्य आत्मा, मन और शरीर को एकीकृत करना है। इसके द्वारा हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। योग हमें:

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: नियमित योग अभ्यास से शरीर को लचीला, मजबूत और स्वस्थ बनाया जा सकता है।
  2. मानसिक शांति: ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से मानसिक तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है।
  3. आध्यात्मिक उन्नति: आत्म-जागरूकता और आत्म-साक्षात्कार की ओर मार्गदर्शन करता है।
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 पतंजलि योग सूत्र: योग का मर्म

योग की दुनिया में कदम रखते ही सबसे पहले हमें मिलता है पतंजलि योग सूत्र। ये सूत्र लगभग 400 ईस्वी में ऋषि पतंजलि द्वारा संकलित किए गए थे और ये हमें बताते हैं कि कैसे योग के माध्यम से हम मानसिक शांति और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त कर सकते हैं।

 चार अध्यायों में विभाजित:
1. समाधि पाद: यह ध्यान की स्थिति प्राप्त करने के तरीकों पर जोर देता है।
2. साधना पाद: योग की साधना कैसे करें, इसका व्यावहारिक मार्गदर्शन।
3. विभूति पाद: योग के अभ्यास से प्राप्त शक्तियों और उनकी प्रासंगिकता।
4. कैवल्य पाद: मुक्ति और आत्मा के वास्तविक स्वभाव पर चर्चा।

अष्टांग योग: आठ अंगों की महिमा

पतंजलि ने योग के आठ अंगों का उल्लेख किया है, जिन्हें हम अष्टांग योग कहते हैं। ये आठ अंग हमारे जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने में सहायक हैं:

1. यम: नैतिक अनुशासन (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह)
2. नियम: आत्म-अनुशासन (शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान)
3. आसन: शारीरिक मुद्राएं
4. प्राणायाम: श्वास नियंत्रण
5. प्रत्याहार: इंद्रियों का वापसी
6. धारणा: एकाग्रता
7. ध्यान: मेडिटेशन
8. समाधि: आत्म-साक्षात्कार

योग दिवस पर क्या खास?

इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, आप और हम मिलकर इन प्राचीन शिक्षाओं को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं। तो चलिए, देखते हैं इस दिन हम क्या-क्या कर सकते हैं:

निर्देशित योग सत्र: विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा संचालित सत्र, जो अष्टांग योग के सिद्धांतों को शामिल करते हुए हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
ध्यान कार्यशालाएं: ध्यान की तकनीकों पर कार्यशालाएं, जो मानसिक स्पष्टता और आंतरिक शांति को बढ़ावा देंगी।
नैतिक चर्चाएं: यम और नियम पर चर्चा, जो हमारे जीवन को अधिक संतुलित और अर्थपूर्ण बनाएगी।
प्राणायाम अभ्यास: श्वास नियंत्रण की तकनीकें, जो हमें ऊर्जा और शांति का अनुभव कराएंगी।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: पारंपरिक संगीत, नृत्य और कहानी सुनाना, जो हमें योग की सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ेंगे।

 योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं

आप जानते हैं, योग केवल शारीरिक मुद्राओं का अभ्यास नहीं है। यह एक जीवनशैली है। तो क्यों न हम इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करें? नैतिक अनुशासन का पालन करें, नियमित ध्यान करें, और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इससे न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा, बल्कि हमारा मन और आत्मा भी शांत और संतुलित रहेंगे।

 निष्कर्ष

तो दोस्तों, इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 पर, चलिए हम सब मिलकर पतंजलि योग सूत्र और अष्टांग योग की शिक्षाओं को अपनाएं। आइए, एक साथ योग करें, अपने जीवन में सामंजस्य और शांति लाएं, और इस अद्भुत प्राचीन परंपरा का हिस्सा बनें। योग के माध्यम से, हम न केवल अपने आप को बल्कि पूरी दुनिया को एक बेहतर और शांतिपूर्ण स्थान बना सकते हैं।

क्या आप तैयार हैं? अपने योग मैट निकालिए, और चलिए इस योग दिवस को यादगार बनाते हैं! 

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